केदारनाथ विधानसभा से दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है। पहले माना जा रहा था कि वह केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करेंगी, लेकिन अब पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उन्हें राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त कर उनकी राजनीति में सक्रियता का शुभारंभ किया है।
पूर्व विधायक स्व. शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत ने इस जिम्मेदारी को सौंपे जाने पर कहा कि सरकार ने जो कार्य उन्हें दिया है, वह उसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी और जरूरतमंद महिलाओं की मदद करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना और उन्हें सशक्त बनाना होगा ताकि घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को रोका जा सके।
पिछले साल 9 जुलाई को उनकी मां, विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि उनकी राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा। ऐश्वर्या रावत के बारे में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी कई कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, ऐश्वर्या भाजपा के कार्यक्रमों में सक्रिय रहीं, और अब उन्हें महिला आयोग की उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया गया है।
ऐश्वर्या ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं को अपनी शिक्षा, योग्यता और संस्कारों पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ना चाहिए ताकि उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आए और समाज में सोच बदले। उन्होंने यह भी कहा कि नाबालिगों के विवाह के मामलों पर गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है। ऐश्वर्या रावत ने यह भी कहा कि वह अपनी दिवंगत मां के सपनों और अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगी।