टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद विराट-अनुष्का पहुंचे वृंदावन, संत प्रेमानंद महाराज से ली आध्यात्मिक शिक्षा After retiring from Test cricket, Virat and Anushka reached Vrindavan and received spiritual teachings from Saint Premanand Maharaj
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, मंगलवार सुबह वृंदावन पहुंचे। यहां दोनों ने श्रीराधे हित केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया।
यह विराट कोहली की संन्यास के बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति मानी जा रही है, जो एक आध्यात्मिक केंद्र में हुई, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अब आंतरिक शांति और आत्मिक अनुभवों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
संत प्रेमानंद महाराज का संदेश: “कृपा का अर्थ वैभव नहीं, चेतना का परिवर्तन है”
भेंट के दौरान संत प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को संबोधित करते हुए कहा:
“जब प्रभु कृपा करते हैं, तो वो वैभव नहीं देते, वो अंतर का चिंतन बदलते हैं। यही असली कृपा है — जब हमारे अनंत जन्मों के संस्कार भष्म होकर, जीवन एक नवीन और उत्तम दिशा में आगे बढ़ता है।”
उन्होंने समझाया कि दुनिया की नजर में जो यश, कीर्ति और भौतिक वैभव है, वह केवल पुण्य का फल होता है, प्रभु की कृपा नहीं। कृपा तब मानी जाती है जब जीव बाह्य सुखों से विमुख होकर अंदर की ओर यात्रा शुरू करे।
प्रतिकूलता ही बनती है वैराग्य की राह
संत महाराज ने विराट कोहली और अनुष्का शर्मा से चर्चा करते हुए यह भी कहा:
“बिना प्रतिकूलता के संसार का मोह समाप्त नहीं होता। जब तक सब अनुकूल है, हम भोग में लीन रहते हैं। लेकिन जब प्रतिकूल परिस्थितियां आती हैं, तभी वैराग्य का बीज अंकुरित होता है।”
उन्होंने बताया कि भगवान दो प्रकार से कृपा करते हैं — एक, संतों का संग देकर, और दूसरी, विपरीत परिस्थितियां देकर। इन्हीं से व्यक्ति को अपने जीवन के असली उद्देश्य का बोध होता है।
वृंदावन में आत्मिक शांति की खोज
विराट कोहली का यह दौरा उस खिलाड़ी की बदलती मानसिकता को दर्शाता है, जो जीवन के सक्रिय चरण से विराम लेकर अब आध्यात्मिक यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। अनुष्का शर्मा, जो पहले भी योग और अध्यात्म में रुचि रखती रही हैं, इस यात्रा में उनके साथ दिखाई दीं।