ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए नदी पार करनी पड़ती है. जिसमें जरा सी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है.
पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ जिले के सीमांत ब्लॉक मुनस्यारी के 6 गांवों-रिंगू, गैला, राप्ती, वल्थी, मदकोट और चुलकोट के लगभग तीन हजार से अधिक ग्रामीण पिछले चार महीने से जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. मंदाकिनी नदी पर बना अस्थायी पुल और पैदल रास्ता आपदा में बह गया. जिसके बाद से अब तक उसकी मरम्मत नहीं हो पाई है.
हालत यह है कि नदी पार करने के लिए लगी ट्रॉली भी चार महीने से हवा में लटकी है. ग्रामीणों को खतरनाक बोल्डरों और फिसलन भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. ग्रामीणों के सामने राशन और दवाइयां पहुंचाना हुआ मुश्किल हो गया है. पैदल रास्ता और ट्रॉली बंद होने के कारण गांवों तक राशन, दवाइयां और जरूरी सामान पहुंचाना बेहद कठिन हो गया है.
ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए नदी पार करनी पड़ती है. जिसमें जरा सी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार महिलाएं और बुजुर्ग रास्ते में गिरकर चोटिल भी हुए हैं, लेकिन फिर भी मजबूरी में लोगों को इसी खतरनाक रास्ते से गुजरना पड़ता है. मदकोट क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य भावना दानू ने बताया कि प्रशासन और सरकार को कई बार पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. उन्होंने कहा, अगर जल्द रास्ता और ट्रॉली की मरम्मत नहीं हुई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. जिला पंचायत सदस्य भावना दानू ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से तुरंत स्थायी पुल निर्माण और वैकल्पिक रास्ते की मांग की है.
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष कुमार भटगांई ने बताया मामला उनके संज्ञान में है. ग्रामीणों को हो रही परेशानी को देखते हुए संबंधित विभाग को शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारी ने बताया तब तक के लिए वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था करने और अस्थायी ट्रॉली को फिर से चालू करने के आदेश जारी किए गए हैं. डीएम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही आवाजाही सुचारू कर दी जाएगी.



