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Thursday, April 24, 2025
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24 साल इंतज़ार पुष्कर सरकार ने पूरा किया सपना

देहरादून उत्तराखंड जिनके सपनो के लिए बना उनकी याद हमेशा आएगी राज्य सरकार ने एक ऐसे प्रयास को दिशा देने का काम किया है जिसकी तारीफ करना हर कोई चाहता है उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने एक ऐसे फैसले को लेकर राज्य में बड़ा काम किया है जो आरक्षण का लाभ देगा

आपको बताते है आखिरकार कैसे अलग राज्य को बनाये जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के आंदोलनकारी सड़को पर उतरे थे एक ऐसी काली रात को कभी भी उत्तराखंड के आन्दोलनकरी नहीं भूल पाते जिसमे उनकी आँखों के समाने कई आंदोलनकारी शहीद हुए जबकि कई महिलाओं के साथ वो सब कुछ हुआ जिसकी चर्चा किये जाने से दिल भी घबराता है अलग राज्य का सूर्य उदय हुआ तो उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारत का 27वां राज्य उत्तरांचल राज्य बना और जनवरी 2007 में नए राज्य का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया

राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का फैसला विधानसभा से पास होने के बाद गवर्नर स्वीकृति के बाद राज्य के ऐसे परिवारों को लाभ मिलेगा जिनके अपने राज्य बनाये जाने के आंदोलन में शामिल हुए थे

24 साल बाद आखिरकार पुष्कर सिंह धामी सरकार ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद धामी सरकार से की जा रही थी अपने बेबाक फैसलों से राज्य के मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता के दिलो पर राज करते देखे जाते है एक ऐसा मुद्दा जो हमेशा राज्य के लोगो के लिए उम्मीद बनकर पुष्कर राज में पूरा होता नज़र आया है

देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. से.नि. गुरमीत सिंह द्वारा स्वीकृति प्रदान किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। राज्य आन्दोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे है। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल जी को भेजा गया था, जिसपर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आन्दोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

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