उत्तराखंड सरकार रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने जा रही है, साथ ही वर्चुअल रजिस्ट्री की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस सुधार के लिए चरणबद्ध तरीके से पूरी व्यवस्था को पेपरलेस किया जाएगा, जिसमें पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, आधार प्रमाणीकरण और वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025 का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का निर्णय लिया है, जिससे लोगों को वर्चुअल रजिस्ट्री कराने की सुविधा भी मिलेगी। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक, इस संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद यह सुविधा जनता को उपलब्ध हो जाएगी।

इस नई व्यवस्था से रजिस्ट्री प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि अभी तक प्रदेश में स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के तहत रजिस्ट्री के बाद दस्तावेजों को स्कैन कॉपी के रूप में कार्यालय में संरक्षित किया जाता था। इस नई प्रक्रिया को मई से लागू किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार पारदर्शिता को बढ़ाने और कार्यप्रणाली को अधिक जनसुलभ बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर रही है। इसी कड़ी में अब जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस किया जा रहा है, जिससे लोगों को अपने स्थान से ही ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की सुविधा मिलेगी और कागज की खपत भी कम होगी, जो पर्यावरण को भी लाभकारी होगा।