गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण और रेड रौट रोग पर समीक्षा बैठक
विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने नव चयनित गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया और राज्य में गन्ने की फसल को रेड रौट रोग से हुए नुकसान तथा विभाग द्वारा किए गए सुरक्षा उपायों पर एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया।
गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि लंबे समय से गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों जैसे उद्यमसिंह नगर और हरिद्वार में गन्ना पर्यवेक्षकों की कमी देखी जा रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए आज 70 गन्ना पर्यवेक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा कि इन पदों को भरे जाने से गन्ना विकास विभाग के कार्यों की गति बढ़ेगी और किसानों को समय पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

मंत्री ने बताया कि काशीपुर, नादेही और बाजपुर में रेड रौट फंगस के कारण गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जिसका असर मुख्य रूप से नादेही, बाजपुर और हरिद्वार स्थित चीनी मिलों पर पड़ा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी सत्र के लिए बीज वितरण और किसानों को रेड रौट फंगस के बारे में जागरूक करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
सौरभ बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड में गन्ना किसानों द्वारा अधिक उपयोग में लाया जाने वाला गन्ने का बीज ‘0238’ रेड रौट फंगस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को गन्ने के इस बीज को बदलने, क्रॉप रोटेशन को अपनाने और किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मंत्री ने यह भी कहा कि रेड रौट फंगस की रोकथाम के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों का सर्वे कराया गया है, और उसकी रिपोर्ट के आधार पर किसानों को उत्तम बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में गन्ना विकास सचिव रणवीर सिंह चौहान, आयुक्त गन्ना विकास चंद्र सिंह धर्मसत्तू और अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।