खेल वन: राष्ट्रीय खेलों के दौरान पर्यावरण संरक्षण की नई पहल
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के समीप स्थित वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर भूमि अब एक नई पहचान मिलने जा रही है, और इसे खेल वन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 1600 खिलाड़ियों के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे। यह कदम उत्तराखंड सरकार की हरित पहल को बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य खेलों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना है।

ग्रीन गेम्स की पहल
38वें राष्ट्रीय खेलों की थीम “ग्रीन गेम्स” रखी गई है, जो पर्यावरण संरक्षण और स्थायित्व पर जोर देती है। उत्तराखंड सरकार ने इस पहल के तहत कई कदम उठाए हैं, जो न केवल खेलों को बल्कि पर्यावरण को भी सशक्त बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस कदम की सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी, जिन्होंने राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड सरकार की हरित पहल की सराहना की।
मुख्यमंत्री का उद्घाटन और सुरक्षा व्यवस्था
10 फरवरी को खेल वन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाएगा, और इस अवसर पर राष्ट्रीय खेल सचिवालय द्वारा एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में ग्रीन गेम्स के प्रभावी संदेश को फैलाने का प्रयास किया जाएगा। इस पूरे इलाके को तैयार किया जा रहा है, और तारबाड़ की जा रही है ताकि जब पेड़ लगाए जाएं, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
चैंपियन से प्रेरणा और उनकी धरोहर
खेल वन के लिए तैयार किए गए एक बड़े बोर्ड पर विशेष रूप से यह लाइनें उकेरी जाएंगी: “चैंपियंस इंस्पायर अस, थियर लेगेसी ब्लूम्स इन एवरी ट्री वी प्लांट” (चैंपियंस हमें प्रेरित करते हैं, उनकी धरोहर हर पेड़ में खिलती है)। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार, यहां लगाए गए प्रत्येक पेड़ से विजेताओं की यादें ताजगी से भरेंगी और उनकी प्रेरणा हमेशा बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हम ग्रीन गेम्स की थीम पर राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। हमने कई कदम उठाए हैं, जिनसे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दूर-दूर तक जाएगा। खेल वन इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
निष्कर्ष
खेल वन का निर्माण न केवल खेलों में पर्यावरणीय पहल को बढ़ावा देगा, बल्कि यह खिलाड़ियों की प्रेरणा और उनके योगदान को भी याद रखेगा। यह पहल खेलों और पर्यावरण संरक्षण दोनों के सामंजस्यपूर्ण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।