कारगिल युद्ध की 23वीं वर्षगांठ पर कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। क्यों मनाया जाता है ये दिवस चलिए आपको बताते है आखिर कारगिल विजय दिवस का महत्व हमारे भारत देश के लिए एक अलग देश भक्ति का स्वरुप तय करता है देश की आर्मी ने पाकिस्तान के दाँत खट्टे करते हुए कारगिल की चोटियों को फतह करते हुए भारत का झंडा लहराया था पुरे देश भर में कारगिल विजय दिवस उन शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मनाया जाता है जो देश सेवा के लिए कभी लोट कर अपने घर नहीं आए
26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुए विजय पताका फहराई थी। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कारगिल विजय दिवस पर भारत की महामाहिम ने कहा कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं। सभी देशवासी, उनके और उनके परिवारजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे। जय हिन्द!
कारगिल विजय दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद!
उत्तराखंड के सी ऍम पुष्कर सिंह धामी ने भी कारगिल युद्ध में अपने अद्वितीय शौर्य और पराक्रम से दुश्मन को धूल चटाने वाले सभी वीर सैनिकों की मातृभूमि के प्रति निष्ठा और समर्पण को शत्-शत् नमन।
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