गुजरात में भी अब समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस बात की जानकारी दी कि यूसीसी समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई करेंगी। इसके अलावा समिति में सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीएल मीना, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ भी शामिल होंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का उद्देश्य यह है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलें। उन्होंने यह भी बताया कि इस समिति को 45 दिनों के भीतर विस्तृत शोध करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

गुजरात का यह कदम उत्तराखंड द्वारा समान नागरिक संहिता को लागू करने के बाद आया है, जिसने इस महीने की शुरुआत में इस कानून को अपने राज्य में लागू किया था। उत्तराखंड सरकार के इस कदम से भाजपा को राजनीतिक लाभ मिला था, खासकर दिल्ली विधानसभा चुनावों में। अब गुजरात सहित अन्य राज्य भी इस कानून को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना था
इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला पहला राज्य बना था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता का उल्लेख किया था।
उत्तराखंड में सामान नागरिक कानून लागू होने के बाद से देश भर में धामी सरकार को राजनैतिक रूप से फायदा मिला है दिल्ली चुनाव में इसका उपयोग किया गया है कई जनसभा में धामी मतदाता के बीच इसको लेकर राजनैतिक रूप से प्रयोग करते रहे बरहाल धामी सरकार के कानून को बल देने के लिए देश के कई राज्य आगे आ रहे है