आम आदमी पार्टी को उन पांच विधानसभा क्षेत्रों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो पहले पार्टी के गढ़ माने जाते थे। 2020 के चुनाव में पार्टी इन सीटों पर पूरी तरह से आश्वस्त थी और बड़ी जीत भी हासिल की थी। इस जीत का आधार आप के साथ क्षेत्रीय समीकरण भी था, लेकिन इस बार समीकरणों में बदलाव नजर आ रहा है। इसका कारण कुछ जगहों पर अपने ही लोगों से घिरना और कुछ स्थानों पर विपक्ष के ताकतवर प्रत्याशियों का मुकाबला है।
आम आदमी पार्टी अपने दुर्ग में उलझी बीजेपी चक्रव्यूह में कांग्रेस घेरे में आने के संकेत मिल रहे है बीजेपी के राजनैतिक चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनैतिक रूप से अपनी इंट्री करते हुए आप को कई विधानसभा सीटों पर घेर लिया है ऐसी जानकारी मतदाता के बिच से मिल रही वो अपडेट है जिसका संकेत अरविन्द केजरीवाल की तरफ से साफ मिलता देखा जा रहा है
बुराड़ी
बुराड़ी विधानसभा सीट पर आप के प्रत्याशी संजीव झा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने जदयू के शैलेंद्र कुमार को 88,158 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। संजीव झा को कुल 1,39,598 वोट मिले थे, जबकि शैलेंद्र कुमार को 51,440 वोट मिले थे। कांग्रेस के जेएस चौहान को सिर्फ 6,750 वोट ही मिले थे। संजीव झा को आप ने चौथी बार मैदान में उतारा है।
इस बार बदले समीकरण
कांग्रेस ने इस बार मंगेश त्यागी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंगेश कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। भाजपा ने इस सीट को फिर से जदयू को सौंपा है और शैलेंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बड़ी संख्या में पूर्वांचली, खासकर बिहारी मतदाता हैं। भाजपा और कांग्रेस इस बार इन मतदाताओं को लुभाने के लिए सक्रिय हैं। यहां भाजपा और आप दोनों के अंदर टिकट वितरण को लेकर असंतोष भी देखा जा रहा है।

ओखला
2020 में ओखला सीट पर आप की दूसरी सबसे बड़ी जीत थी। अमानतुल्लाह खान ने भाजपा के ब्रह्म सिंह को 71,827 वोटों के अंतर से हराया था। अमानतुल्लाह को कुल 1,30,367 वोट मिले थे, जबकि ब्रह्म सिंह को 58,540 वोट मिले थे। 2015 में भी अमानतुल्लाह खान यहां से विधायक बने थे। कांग्रेस के प्रत्याशी परवेज हाशमी ने 5123 वोट प्राप्त किए थे।
इस बार बदले समीकरण
ओखला क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं, जो लगभग 43 प्रतिशत हैं। भाजपा और कांग्रेस ने यहां अपने प्रत्याशी बदले हैं। एआईएमआईएम ने शिफाउर रहमान को टिकट दिया है, जो दिल्ली दंगों के आरोपी हैं और फिलहाल जेल में हैं। उनकी पत्नी चुनावी प्रक्रिया को संभाल रही हैं, और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी उनके पक्ष में सभा कर चुके हैं। भाजपा ने मनीष चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने आरिबा खान को टिकट दिया है। आरिबा पार्षद हैं और उनके पिता आसिफ मोहम्मद खान दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं।
सीमापुरी
2020 में सीमापुरी विधानसभा में राजेंद्र पाल गौतम ने 56,108 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के विधायक संत लाल को हराया था। राजेंद्र पाल ने 2015 और 2020 में लगातार दो बार चुनाव जीते थे।
इस बार बदले समीकरण
राजेंद्र पाल गौतम अब आप में नहीं हैं, वे कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। भाजपा ने यहां रिंकू को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले कांग्रेस में थीं और दो बार पार्षद रह चुकी हैं। आप से वीर सिंह धिंगान भी इस बार चुनावी मैदान में हैं, जो पहले कांग्रेस में थे। यहां 2015 और 2020 के चुनावों में राजेंद्र पाल गौतम ने ही जीत दर्ज की थी।
मटिया महल
आप के शोएब इकबाल ने भाजपा के रवींद्र गुप्ता को 50,241 वोटों के अंतर से हराया था। शोएब को कुल 67,282 वोट मिले थे, जबकि रवींद्र गुप्ता को केवल 17,041 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के मिर्जा जावेद अली थे, जिन्हें 3,409 वोट मिले थे।
इस बार बदले समीकरण
इस बार आप ने शोएब इकबाल की जगह उनके बेटे आले इकबाल को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने रवींद्र गुप्ता के स्थान पर दीप्ति इंदौरा को टिकट दिया है। कांग्रेस ने भी प्रत्याशी बदलते हुए आसिम मोहम्मद खान को मैदान में उतारा है। आसिम ने 2015 में शोएब इकबाल को हराया था और अब वह इस चुनाव में चुनौती पेश करेंगे।
सुल्तानपुर माजरा
आप के मुकेश कुमार अहलावत ने भाजपा के रामचंद्र चावरिया को 48,052 वोटों से हराया था। मुकेश कुमार को कुल 74,573 वोट मिले थे, जबकि रामचंद्र को 26,521 वोट मिले थे। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। इस सीट पर कभी भाजपा को जीत नहीं मिली है और आप से मुकेश कुमार फिर से मैदान में हैं।
इस बार बदले समीकरण
2020 में भाजपा का मत प्रतिशत इस सीट पर 10 प्रतिशत बढ़ा है। भाजपा ने कर्म सिंह कर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो मंगोलपुरी से 2020 में आप के उम्मीदवार राखी बिरला से हार चुके थे। इस बार भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा है और कांग्रेस के जयकिशन सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं।