दीपावली में मिट्टी के दीयों में ‘रोशनी’ की उम्मीद चाइनीज लड़ियों का विरोध
DEEPAWALI FREE diye avilabile here
देहरादून चाइनीज लड़ियों को नदरअंदाज किये जाने के लिए देहरादून के यूथः गरीब के घर पर दीपावली सही से मनायी जा सके इस को लेकर फ्री में दिए बाट रहे है और चाइना का विरोध कर रहे है देहरादून के रायपुर में बँटी अपनी टीम के साथ फ्री में मिटटी के बने दिए लोगो को दे रहे है उनकी ये मुहीम लोगो का काफी भा रही है
लगातार चाइनीज लड़ियों की हर साल बाजार में धमक दिखाई देती रही है लेकिन इस बार दीपावली पर बाज़ारो में चाइनीज लड़ियों का बाजार फीका नज़र आ रहा है इस की वजह चीन का पाकिस्तान के साथ होने से लोगों में चाइनीज आइटमों के खिलाफ आक्रोश है
दीपावली में मिट्टी के दीयों में ‘रोशनी’ की उम्मीद जगमगाई है। इससे थोड़ी ही सही कुम्हारों के चेहरे पर मुस्कान तो आई। इसका कारण है चाइनीज आइटमों के बहिष्कार को लेकर चल रही मुहिम।पिछले सालों के मुकाबले अधिक है। इसीलिए कुम्हार साधारण के साथ फैंसी दीये बनाने में जुटे हैं।
दीपावली की रौनक बिना दीयों के अधूरी है। इसी रौनक के भरोसे दीये बनाने वाले कुम्हार बेसब्री से दीपावली का इंतजार तो करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से चाइनीज लड़ियों, दीयों और झल्लरों ने उनकी दीपावली फीकी ही की है। हर बार कलाकार एक महीने पहले ही काम में जुट जाते हैं, लेकिन हमेशा हर बार निराशा ही हाथ लगती है।
लेकिन, उड़ी आतंकी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन का पाकिस्तान के साथ होने से लोगों में चाइनीज आइटमों के खिलाफ आक्रोश है। सोशल मीडिया समेत हर माध्यम से चीनी सामान का विरोध हो रहा है।
पूजा प्रजापति बताती हैं कि इस बार तो लोगों को आकर्षित करने के लिए रंग-बिरंगे दीयों के साथ आकर्षक मंदिर भी बनाए हैं, जिनकी कीमत भी कुछ ज्यादा नहीं। जबकि, मिट्टी का भाव काफी बढ़ गया है।
आनंद प्रकाश कहते हैं कि बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। उम्मीद है कि आने वाले एक-दो दिन में बिक्री बढ़ेगी। मिट्टी के दीयों को आकर्षक बनाने की कोशिश की है।
स्थानीय निवासी वंदना अग्रवाल का कहना है कि दीपावली का उल्लास दीयों से दोगुना हो जाता है। जब आकर्षक दीये उपलब्ध हैं तो क्यों चाइनीज आइटम खरीदें। इस बार स्वदेशी उत्पादों से दीपावली मनाएंगे। कुल मिलकर दीपावली पर इस बार गरीब के हाथो से बने दिए जगमग होंगे